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Friday, December 16, 2011
Vidya Aur Dhan
किसी भी व्यक्ति के लिए धन ही सबसे बड़ा सहायक सिद्ध हो सकता है। धन का काम केवल धन ही कर सकता है। इसी की मदद से व्यक्ति कई परेशानियों को दूर कर सकता है। शास्त्रों के अनुसार शिक्षा को भी धन ही माना गया है। आचार्य चाणक्य कहते हैं-
बिन अवसरहू देत फल, कामधेनू सम नित्त।
माता सों परदेश में, विद्या संचित वित्त।।
किसी भी इंसान के लिए केवल विद्या ही सबसे बड़ा धन है। विद्या में कामधेनु के समान ही गुण होते हैं। सिर्फ यही बुरे समय में भी श्रेष्ठ फल प्रदान करती है। घर से दूर होने पर शिक्षा ही माता के समान आपका ध्यान रखती है। इन कारणों से शिक्षा को ही सबसे बड़ा गुप्त धन माना जाता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा गुप्त धन वही है जो बुरे समय में काम आता है। बुरे समय में जब सभी आपका साथ छोड़ देते हैं उस समय केवल शिक्षा, ज्ञान या विद्या ही आपका सबसे बड़ा गुप्त धन साबित हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार कामधेनु ऐसी गाय थी जो मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। इसी कामधेनु के समान ही शिक्षा भी होती है। यह ऐसा गुप्त धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता, यह बांटने से बढ़ता है। केवल विद्या के बल पर ही व्यक्ति समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। घर से दूर होने पर व्यक्ति का ज्ञान ही उसकी रक्षा करता है।
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